अजब गजब: सोशल मीडिया पर अंतरिक्ष यान और स्पेस सेंटर के आपस में कनेक्ट होने वाला वीडियो देखकर लोग हो रहे हैं हैरान, नासा ने बताया इसके पीछे का कारण ?
- अतंरिक्ष यान और स्पेस सेंटर का वीडियो हो रहा वायरल
- वीडियो में प्रकिया को देखकर हैरान हो रहे लोग
- नासा ने बताया इसका कारण
डिजिटल डेस्क, भोपाल। अंतरिक्ष की दुनिया में आज भी वहां मौजूद कई चीजों को लेकर रहस्य बना हुआ है, जिसके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं। अंतरिक्ष में चांद-तारों से लेकर ग्रहों तक कई चीजों के अस्तित्व पर संशय बना हुआ है। हाल ही में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) ने अंतरक्षि में स्थित एक ऐसी ही अजीबो-गरीब जगह के बारे में पता लगाया है, जो दिखने में काफी विचित्र है। दरअसल, स्पेस में इस जगह को एक स्टेशन के रूप में जाना जाता है, जो धरती से करीब 400 किलोमीटर दूर की ऊचांई पर स्थित है। यहां पर अमेरिका, चीन, रूस जैसे देशों के अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं। जिन्होंने इस स्थान पर कई वर्षों तक स्पेस में मौजूद कई हैरतअंगेज चीजों के बारे में रिसर्च किया है। इन यात्रियों को यहां तक अंतरिक्ष यान के जरिए पहुंचाया जाता है। मगर, क्या आपने कभी इस बारे में कल्पना की है कि इंटरनेशल स्पेस सेंटर से ये अंतरिक्ष यान आखिर कनेक्ट कैसे होता है। इसी बात से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल हो रहा है। जिसमें अंतरिक्ष यान और स्टेशन से जुड़ी प्रकिया के बारे में बताया गया है।
अंतरिक्ष यान का वीडियो हो रहा वायरल
इस वीडियो को एस्ट्रोनॉट क्रिस हैडफील्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि अंतरिक्ष यान और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के इस शानदार मिलन को आपस में जुड़े हुए देखिए। वीडियो में यह पल काफी रोमांचक है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक स्पेसक्रॉफ्ट उस स्थान पर घूमता रहता है और फिर बड़े आराम से इंटरनेशनल स्पेस सेंटर में अंदर जाकर बड़ी ही आसानी से कनेक्ट हो जाता है। इस वीडियो पर अब तक 1.92 लाख से भी ज्यादा व्यूज आ चुके हैं। कई यूजर्स इस वीडियो को देखकर आश्चर्य में पड़ गए है कि हवा में तो विमानों में ईंधन डालते हुए देखा जा सकता है, मगर वीडियो में जो दिखाया गया है वह काफी हटके है।
अंतरिक्ष यान करते हैं इन प्रक्रियाओं का प्रयोग
वीडियो में दिखाए गए अंतरिक्ष यान की स्पेस सेंटर से जुड़ने की वजह के बारे में अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी ने जानकारी शेयर की है। उन्होंने बताया कि साइंस में अंतरिक्ष यान की इस प्रकिया को डॉर्किंग और बर्थिंग के नाम से जाना जाता हैं। डॉकिंग प्रकिया की शुरुआत में सबसे पहले यान एलाइन पोजीशन पर आता है, फिर स्पेस स्टेशन से खुद को कनेक्ट कर लेता है। यह कनेक्शन केवल कुछ ही समय के लिए रहता है। वीडियो में भी इस चीज को होते हुए देखा जा सकता है, जो काफी मिलता जुलता है। इसके अलावा यह प्रकिया बिल्कुल वैसी ही है जब हवा में कोई विमान ईंधन भरते वक्त एक पोर्ट से जुड़ जाता है। हालांकि, इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर पांच डॉकिंग पोर्ट का निर्माण किया गया है। ये सभी पोर्ट काफी एडवांस्ड आईडीएस ट्रांसमीटर से लोडेड है।
बेहद धीमी होती है यह प्रकिया
अंतरिक्ष यान को जोड़ने वाली डॉर्किंग और बर्थिंग प्रकिया ना केवल कनेक्ट करने का काम करती हैं। बल्कि, इसकी मदद से एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस सेंटर पर लैंड भी कराया जाता है। इसके लिए उन्हें खाने और पहनने वाली चीजों को उतारना होता हैं। कहा जाता है कि यह प्रक्रिया काफी धीमी होती है, जिससे टकराव के समय नुकसान जैसे हालात उत्पन्न नहीं होते है। दुनियाभर के कई देशों का स्पेस सेंटर पर खुद का एक अलग डॉकिंग प्वाइंट होता है। जैसे कि स्पेस सेंटर पर अमेरिका का डॉकिंग प्वाइंट रूस से काफी अलग है। रूस के डॉकिंग प्वाइंट को SSBP-G4000 के नाम से जाना जाता है। यह डॉकिंग प्वाइंट अंतरिक्ष में सोयुज और प्रोग्रेस जैसे यानों को कनेक्ट करने का काम करता है। बता दें कि, 22 सिंतबर 2023 तक इंटरनेशल स्पेस सेंटर पर चार अंतरिक्ष यान कनेक्ट थे। इसके अलावा जनवरी में Axiom-3 चालक दल एक अलग अंतरिक्ष यान से जुड़ चुका है।